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चंद्रयान-3

चंद्रयान-3 

चंद्रयान-2 का अनुवर्ती मिशन है, जो चंद्र सतह पर सुरक्षित लैंडिंग और घूमने की संपूर्ण क्षमता प्रदर्शित करता है। इसमें लैंडर और रोवर कॉन्फ़िगरेशन शामिल है। इसे LVM3 द्वारा SDSC SHAR, श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया । प्रोपल्शन मॉड्यूल लैंडर और रोवर कॉन्फ़िगरेशन को 100 किमी चंद्र कक्षा तक ले जाएगा। प्रणोदन मॉड्यूल में चंद्र कक्षा से पृथ्वी के वर्णक्रमीय और ध्रुवीय मीट्रिक माप का अध्ययन (जानकारी )करने के लिए रहने योग्य ग्रह पृथ्वी (SHAPE) पेलोड का स्पेक्ट्रो-पोलरिमेट्री है।

लैंडर पेलोड:  

तापीय चालकता व तापमान को मापने(measure) के लिए चंद्रा का सतह थर्मोफिजिकल प्रयोग (ChaSTE); लैंडिंग स्थल(landing sit) के आसपास भूकंपीयता को मापने के लिए चंद्र भूकंपीय गतिविधि उपकरण (आईएलएसए); प्लाज्मा घनत्व और इसकी विविधताओं का अनुमान लगाने के लिए लैंगमुइर जांच (एलपी)। नासा के एक निष्क्रिय लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर(laser retroreflector) ऐरे को चंद्र लेजर रेंजिंग अध्ययन के लिए समायोजित किया गया है।

रोवर पेलोड: 

लैंडिंग स्थल के आसपास मौलिक संरचना प्राप्त करने के लिए अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (APXS)[X-ray Spectrometer ] और लेजर प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (एलआईबीएस)[Laser Induced Breakdown Spectroscope (LIBS)]।

चंद्रयान-3 में एक स्वदेशी लैंडर मॉड्यूल (LM), प्रोपल्शन मॉड्यूल (PM) [Lander Module (LM)] और एक रोवर शामिल है, जिसका उद्देश्य अंतर ग्रहीय मिशनों के लिए आवश्यक नई प्रौद्योगिकियों को विकसित करना और प्रदर्शित करना है। लैंडर में एक निर्दिष्ट चंद्र स्थल पर सॉफ्ट लैंडिंग(soft landing) करने और रोवर को तैनात करने की क्षमता होगी जो अपनी गतिशीलता के दौरान चंद्र सतह का इन-सीटू रासायनिक विश्लेषण करेगा। लैंडर और रोवर के पास चंद्र सतह पर प्रयोग करने के लिए वैज्ञानिक पेलोड हैं। पीएम का मुख्य कार्य एलएम को लॉन्च वाहन इंजेक्शन(LM from launch vehicle injection) से अंतिम चंद्र 100 किमी गोलाकार ध्रुवीय कक्षा तक ले जाना और एलएम को पीएम से अलग करना है। इसके अलावा, प्रोपल्शन मॉड्यूल में मूल्यवर्धन के रूप में एक वैज्ञानिक पेलोड भी है जो लैंडर मॉड्यूल(lander module) के अलग होने के बाद संचालित किया जाएगा। चंद्रयान-3 के लिए पहचाना गया लॉन्चर LVM3 M4 है जो एकीकृत मॉड्यूल को ~170 x 36500 किमी आकार की एलिप्टिक पार्किंग ऑर्बिट (EPO)(Elliptic Parking Orbit) में स्थापित करेगा।


चंद्रयान-3 के मिशन उद्देश्य (mission objectives) हैं:

  • चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और नरम लैंडिंग(soft landing) का प्रदर्शन करना
  • रोवर को चंद्रमा पर घूमते हुए प्रदर्शित करना और यथास्थान वैज्ञानिक प्रयोगों(scientific experiments) का संचालन करना।


मिशन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए, लैंडर में कई उन्नत प्रौद्योगिकियाँ मौजूद हैं जैसे,

अल्टीमीटर(Altimeter): लेजर और आरएफ आधारित अल्टीमीटर(Altimeter)

वेलोसीमीटर (Velocimeter): लेजर डॉपलर वेलोसीमीटर और लैंडर हॉरिजॉन्टल (Lander Horizontal Velocity)वेलोसिटी कैमरा

जड़त्व माप(Inertial Measurement): लेजर जाइरो आधारित जड़त्वीय संदर्भ और एक्सेलेरोमीटर पैकेज

प्रणोदन प्रणाली(Propulsion System): 800N थ्रॉटलेबल लिक्विड इंजन, 58N एटीट्यूड थ्रस्टर्स और थ्रॉटलेबल इंजन कंट्रोल इलेक्ट्रॉनिक्स

नेविगेशन, मार्गदर्शन और नियंत्रण ((NGC): Navigation, guidance and control: संचालित डिसेंट ट्रैजेक्टरी डिजाइन और सहयोगी सॉफ्टवेयर तत्व

खतरे का पता लगाना और बचाव(Threat Detection and Avoidance): लैंडर खतरे का पता लगाना और बचाव कैमरा और प्रसंस्करण एल्गोरिदम(processing algorithms)


लैंडिंग लेग तंत्र.

उपरोक्त उन्नत प्रौद्योगिकियों को पृथ्वी की स्थिति में प्रदर्शित करने के लिए, कई लैंडर(several lander) विशेष परीक्षणों की योजना बनाई गई है और उन्हें सफलतापूर्वक पूरा किया गया है।

एकीकृत शीत परीक्षण(Integrated Cold Test) - परीक्षण मंच के रूप में हेलीकॉप्टर का उपयोग करके एकीकृत सेंसर(integrated sensor) और नेविगेशन प्रदर्शन परीक्षण के प्रदर्शन के लिए

एकीकृत हॉट परीक्षण(Integrated Hot Testing) - परीक्षण मंच के रूप में टॉवर क्रेन का उपयोग करके सेंसर, एक्चुएटर्स और NGC के साथ बंद लूप प्रदर्शन परीक्षण के प्रदर्शन के लिए

विभिन्न टच डाउन स्थितियों का अनुकरण करते हुए चंद्र सिमुलेंट परीक्षण(lunar simulant test) बिस्तर पर लैंडर लेग तंत्र प्रदर्शन परीक्षण।

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